एक औरत सिलाई करके अपना पेट का गुजारा करती थी. बहुत ही मेहनती थी. भजन सुमिरन को भी अच्छा समय देती थी. हक हलाल की कमाई ही खाती थी. कभी किसी से कुछ मांगती नहीं थी. सुमिरन भजन में जब तक उसको आनंद नहीं मिलता तब तक भजन सुमिरन नहीं छोड़ती थी. एक बार सिलाई का काम कुछ ज्यादा आने ...
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Baba Ji ke Nazdeek se Darshan – Ek Sakhi
Bahut saal pehle ki baat hai, Bhandaare par Baba ji ke nazdeek se dershan karne ke liye log subah subah 2 (2 AM) baje hi pandal ( satsang shed) mein ja kar baith jaya karte the. Ek Bhandaare par aise hi ek aadmi bhi subah subah pandal mein jaa kar baith gaya taki Baba ji ke bahut kareeb se darshan ...
Read More »Main Gunahgaar Tum Bakshanhaar – Sakhi Baba Ji
एक बार की बात है। बाबा जैमल सिंह जी सत्तसंग कर रहे थे तो एक सत्तसंगन बीबी के दाँत मे बहुत दर्द हुआ! दर्द ईतना बड़ गया कि वो बीबी हाय हाय करती सीधा जमीन पर लेट गई। एक सेवादार बाबा जी के पास गया और बाबा जी से कहा बाबा जी एक बीबी दाँत के दर्द से कराहरही है ...
Read More »Ladki ki Tuition aur Baba Ji ki Sambhal
बात अभी कुछ ही समय पहले हैं कि सहारनपुर के पास एक गावं (मुझे नाम याद नही हैं) एक सत्संगी परिवार रहता हैं जो बाबा जी को बहुत मानते हैं, उस परिवार में एक लड़की बाबा जी को बहुत प्यार करती थी, वो शाम को अपनी ट्यूशन जाती थी, उसके एग्ज़ाम्स आने वाले थे और उसकी तैयारी कम थी इसलिए ...
Read More »Dere ki sewa – Pichle Janm ke Karam
1970 की बात है, डेरे मे सीवरेज का काम चल रहा था। घुमान से जतथा सेवा के लिए बुलाया गया। मंगल सिहं की कंटीन के पास खुदाई का काम चल रहा था। सारा जतथा सेवा मे लगा हुआ था। पास ही दीवार पर बैठा एक आदमी सारी संगत को मसती मे सेवा करता देख रहा था। उसके मन मे सेवा ...
Read More »Sakhi – Maharaj Charan Singh Ji ki
एक बार एक सेठ सेवा के जत्थे के साथ डेरे मैं आया | जब वो सेवा कर रहा था तो सत्संग साथ-साथ शब्द बोल रही थी और वो भी बोलने लगा | सत्संग के माहौल मैं उसका दिल लग गया, सोच रहा था कि रुक जाता हूँ, कल सवेरे फिर सेवा कर के घर चला जाऊँगा | रात को जब ...
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