Radha Soami Satsang – Latest Question Answers
सवाल :-
बाबाजी मेरी बहन ने चार साल पहले भाग कर प्रेम विवाह कर लिया था। अब मेरी मम्मी उससे बात करती है और उनसे मिलने के लिए कहती है। लेकिन घर मैं जो बुजुर्ग हैं वो यह सब ठीक नहीं समझते, वो कहते हैं की वो लड़की हमारी इज्जत को बदनाम करके गयी है।
पर मेरी मम्मी चाहती है की हम सब फिर से मिलने लगे, हम क्या करे बाबाजी आप बताएँ।
जवाब :-
बेटा देखो अब जो कुछ होना था वो तो हो गया, आप अपने बुजुर्गो को प्यार से समझिए, प्यार में बहुत ताकत होती है, आप उनसे प्यार से बात करिए और समझाइये, लेकिन हमें ऐसा कोई काम करना ही नहीं चाहिए जिससे हमारे पेरेंट्स की बदनामी हो।
सवाल :-
बाबाजी राधा स्वामी जी, बाबाजी आपका बहुत बहुत शुकरिया आप ने मुझे आप से बात करने का मोका दिया।
बाबाजी मेरे परिवार मैं कोई भी सत्संगी नहीं है, मेरे पेरेंट्स मुझे शुरु से ही यहाँ आने से रोकते थे।
पापा बहुत बोलते थे पर मैं फिर भी घर से कालेज के एक घंटे पहले चली जाती थी ताकि मैं सत्संग सुन सकूँ ।
पापा मम्मी को भी बहुत बोलते थे, घर मैं बहुत कलेश रहता था, घर मैं एक मंदिर भी था, दो बार पूजा होती थी, पर मेरा प्यार आप से पता नहीं इतना कैसे था की और कुछ अच्छा नहीं लगता था। ( वो लड़की बहुत रो रही थी और सारी संगत भी रो रही थी ) फिर मैं हॉस्टल मैं पढ़ने चंडीगड़ चली गयी। यंहा मेरे हॉस्टल के साथ आपका सत्संग घर था। हर बार सत्संग सुनती थी, फिर एक रिश्ता आया, लड़का भी सत्संगी था, उसको नाम दान मिला हुआ था, मेरे पति ने मुझे बुत सपोर्ट किया. वो कहते थे, तुम सत्संग पर जाओ मैं काम कर लूँगा।
बाबाजी मैं इस सब को क्या समझू, मेरी किस्मत या फिर पिछले जनम के किये गए करम ?
जवाब :-
बेटा उस मालिक के घर देर हैं अंधेर नहीं। हमें उस मालिक पे यकीं रखना चाहिए। प्यार से सब कुछ हासिल हो जाता है।
सवाल :-
बाबाजी जब कभी बाप अपने बच्चो से माफी मांगे, जबकि उनकी कोई गलती ही न हो तो उस बच्चे को क्या करना चाहिए ?
जवाब :-
बेटा माफी मांगना कोई गलत बात तो नहीं, इस से कोई छोटा या बड़ा नहीं हो जाता। इस से दिल से हुई गलती का एहसास होता है ।
लड़का :- बाबाजी फिर आप ने परोर सत्संग पर सारी संगत से माफी क्यों मांगी थी, आप की तो कोई गलती नहीं थी, बारिश तो रब नें की थी .
बाबाजी :- बेटा जिसकी हमने जिमेदारी ली हो अगर उसमे कोई कमी रह जाये तो माफी तो माँगनी ही पड़ती है।
सवाल :-
बाबाजी जो आप प्रसाद देते हो वो देना चाहिए या नहीं और इस का क्या मतलब है।
जवाब :-
बेटा अगर आप कहते हो तो बंद कर देता हुँ , बेटा प्रसाद देने का मतलब कोई कार्यवाही पाना नहीं है। प्रसाद देने का का मतलब है इस नाल आप नु मालिक दी याद आंदि रहँदी है। सानु उस मालिक दा प्यार मिलदा है। (इस से आपको मालिक की याद आती रहती है और मालिक का प्यार भी मिलता है )
सवाल :-
बाबाजी अगर किसी लड़की की शादी सत्संगी फॅमिली मैं हो जाये, वो मंदिर जाती हो तो उसका सत्संगी माहोल कैसे बनाया जा सकता है ?
जवाब :-
बेटा माहौल ऐसे नहीं बनाया जा सकता, हमें किसी के साथ जबरजस्ती नहीं करनी है, जरुरी नहीं है की वो जिस रह पर चले वो ठीक नहीं है। उन्होंने अपने हिसाब से भक्ति करनी है आप ने अपने हिसाब से, ये गलत बात है की जिस राह पर पति चल रहा है पत्नी को भी उस राह पर चलना होगा, आप उनको कुछ बनके दिखाओ, अपने आप में चेंज करो, जिससे उनको पता लगे और वो खुद आपके पास आये और कहे की मुझे सत्संगी बनना है, ऐसे जबरजस्ती करने से कोई फायदा नहीं।
सवाल :-
बाबाजी अक्सर जब भी अपने भविष्य के बारे में सोचती हुँ तो घबरा जाती हुँ , अभी अभी मैंने +2 की परीक्षा दी है, रिजल्ट आने वाला है आप कृपा बनाये रखना जी .
जवाब :-
बेटा मेहनत करोगे तो जरुर कामयाब हो जाओगे, और क्या कहा आपने घबराती हो, मैं तो खुद बहुत घबराता था, मेरी माँ तो मुझे सोटी (लाठी) से पढ़ाती थी, ( सभी हसने लगे )
सवाल :-
बाबाजी मेरे घर मैं सब सत्संगी है मेरे पापा भी लेकिन उन्होंने अभी नामदान नहीं लिया है, जब उनको गुस्सा आता है बहुत बुरा भला कहते है, मारते भी हैं, अब और सहन नहीं होता, मन करता है की उनसे सब रिश्ता तोड़ दूँ ।
जवाब :-
बेटा आप सत्संगी किसको मानते हो ?
लड़की :- सत्संग मैं जाते हो सेवा करते हो।
बाबाजी :- बेटा सत्संगी वो होते हैं जो नामदान लेके भजन सिमरन करते हैं , मालिक की ख़ुशी हासिल करते हैं, रही बात रिश्ता तोड़ने की, रिश्ते तोड़ने बहुत आसन है, जोड़ने बहुत मुस्किल।
आपको कोई हक़ नहीं है अपने माँ बाप से कुछ कहने का, वो जो कुछ मर्जी कहे, आप ने हमेसा उनसे प्यार से बात करनी है। शायद उनकी भी कोई मजबूरी हो, आप उनसे प्यार से बिहेंव करे, सब ठीक हो जायेगा।
सवाल :-
बाबाजी मैंने अभी +2 की परीक्षा दी है, अब अच्छे नंबर आ जायें, तो मै कोई बढ़िया सी जॉब पर लग सकूँ, आप कृपा करदो बाबाजी।
जवाब :-
बेटा अच्छे नम्बर ही सब कुछ नहीं होते आप खुद मेहनत करो, मेहनत करोगे तो बेटा अच्छी नौकरी भी मिल जाएगी
सवाल :-
बाबाजी मैं अपने मामाजी के पास नौकरी करता हूँ, मैं चाहता हूं की पार्ट टाइम कोई और जॉब भी कर लूँ ताकि अच्छे से अपने पैरों पे खड़ा हो सकूँ
जवाब :-
बेटा बहुत वदिया गल है की तुसी अपने पैरों ते खुद स्टैंड होना चाहंदे हो, लेकिन तुहाड़े कोल कुछ कोई एक्सपिरिंस वी होना चाहिदा है उस नाल वदिया जॉब कर सकदे हो (बेटा बहुत अच्छी बात है कि आप अपने पैरों पे खड़ा होना चाहते हो, लेकिन आपके पास कोई एक्सपीरियंस भी होना चाहिए, उस से अच्छी जॉब कर सकते हो )
सवाल :-
बाबाजी मैं बाहर जाके कमाई करना चाहता हूँ, मेरे पापा इज़ाज़त नहीं देते, लेकिन माँ कहती है की तू अच्छा पढ़ ले, अच्छी सी नौकरी कर ले ।
जवाब :-
बेटा बाहर जाकर भी काम करना भी सौखा नहीं है, आप ही कमाना पैंदा है ते आप ही पकाना भी, बहुत मेहनत करनी पैंदी है जे तुसी कर सकदे हो ता वदिया गल है (बेटा बाहर जाकर भी काम करना भी आसान नहीं है, आप ही कमाना पड़ता है ते आप ही पकाना भी, बहुत मेहनत करनी पड़ती है अगर आप कर सकते हो तो अच्छी बात है)