एक सतसंग में सतसंग कर्त्ता ने
बहुत ही सुंदर फरमाया …
कहते हैं
गुरु मिलना मुश्किल है ?
नहीं .
नामदान मिलना कठिन है ?
नहीं .
तब तो भजन करना बहुत कठिन है ?
नहीं .
फिर कठिन क्या है ?
कठिन है गुरु पर विश्वास करना,
गुरु को भगवान समझना ।
अगर हमारा गुरु पर विश्वास होता तो
हमारे लिए कोई कार्य कठिन नहीं ,
हमारा मोह बाहरी चीज़ों में है ।
सतगुरू से हमारा प्रेम नहीं है ।
यदि होता तो हम संसारिक
चीज़ों की कामना नहीं करते ।
हम गुरु के हुक्म के अनुसार
अधिक से अधिक समय
भजन-सिमरन को देते ।
और गुरु का प्यार पाते |
राधा स्वामी जी