एक दिन कनाडा में रहते हुए बाबा जी वहां के पाठी से कहने लगे कि यहाँ पे कितने सिनेमा हाल हैं और वहां पे कौन सी मूवीज लगी हैं, वो पहले तो समझे की बाबा जी मज़ाक कर रहे हैं लेकिन दुबारा पूछने पर उसने सारे सिनेमा हालस की लिस्ट बनवाकर बाबा जी को दे दी और कहा की बाबा जी ये सारे मूवी हालस की लिस्ट है इसमें सारी मूवीज के नाम भी हैं जो अभी चल रही हैं, बाबा जी ने उस लिस्ट में से एक सिनेमा हाल सेलेक्ट किया और कहा कि हम कल इस सिनेमा हाल में मूवी देखने जायेंगे, उस पाठी को हैरानी तो हो रही थी लेकिन गुरु की हुकुम सर माथे पे |
अगले दिन वो पाठी बाबा जी के पास आया और वो बाबा जी के साथ कार में उस सिनेमा हाल के लिए निकल पड़े, रास्ते में उस पाठी ने कहा कि घर वापिस चलें तो बाबा जी ने उसे कार चलाते रहने के लिए कहा, जब वो सिनेमा हाल पहुंचे तो बाबा जी ने कहा कि तुम मेरे पीछे पीछे टिकट काउंटर पर आ जाओ, वहां टिकट काउंटर पर एक बूढी औरत भी लाइन में लगी हुई थी, बाबा जी को देख कर कहने लगी की “who are you?” तो बाबा जी ने answer दिया तो बाबा जी ने कहा “I am an Indian and have come to watch this movie” तो उस लेडी ने फिर से पूछा कि “Please tell me who are you? ” तो बाबा जी मुस्कुराये और पाठी को कहा मेरी मूवी तो खत्म हो गई, उस औरत को सब बताया और अपने साथ लाकर नामदान की बख्शीश कर दी ।
इस साखी से हमें ये पता चलता है कि बाबा जी अपने followers कहीं से भी ढून्ढ लेते हैं, वह ऐसी औरत थी जिसे संतमत की ABC भी नहीं पता थी, और वो औरत कुछ ही टाइम में भजन सिमरन के जरिये रूहानी सफर तय कर गई, जिसको गुरु ने अपने साथ जोड़ना होता है, उसे खुद ब खुद ढूंढ लेते हैं, हम चाहे कितनी भी कोशिश करें गुरु के पास होने की पर सारी बात तो गुरु की कृपा की है, जिनको बाबा जी ने सचखण्ड पंहुचाना है, उन्हें वह खुद ही ढूंढ कर नामदान की बख्शीश कर देते हैं , कितने ही लोगों को बाबा जी ने सपने में ही नाम दान की बक्शीश कर दी
॥ राधा स्वामी जी ॥