एक बार बाबा जी दुबई गए, वहां नए सत्संग घर के लिए जो ज़मीन खरीदी थी उसको भी देखने गए, जब वहां से वापिस लौट रहे थे तो ड्राईवर ने बाबा जी से कहा की “तेल कम है पास वाले फिलिंग स्टेशन से डलवा लूं ?” तो बाबा जी बोले की कहीं और से डलवा लेंगे, ड्राईवर चलता रहा, रास्ते में दो पंप और आये पर बाबा जी ने मना कर दिया , फिर एक और पंप आया तो ड्राईवर ने कहा की बाबा जी अब डलवा लूं तो बाबा जी ने कहा की चलो यहीं से डलवा लो, कार रुकी तो बाबा जी कार से उतर गए और टहलते हुए पास में एक नयी बिल्डिंग बन रही थी वहां तक चले गए, वहां जाकर ऊपर की तरफ दो मिनट देखा और वापिस आ गए, बाद में वहां के सेक्रेटरी को पता चला कि वहां 4th floor पर एक सत्संगी काम कर रहा था जो बड़ी शिद्द्त से बाबा जी को याद कर रहा था, बाबा जी उसे दर्शन देने गए थे, ये बात उसी सत्संगी ने उनको बताई।
इस से हमें ये पता चलता है कि कमी हमारे भरोसे और प्यार की ही है नहीं तो सतगुरु तो हमेशा हमारे अंग संग ही हैं, हम सब जानते हैं की हम कितना भरोसा रखते हैं, कुछ हुआ नहीं कि कभी यहाँ – कभी वहां भागते हैं, हमें बाबा जी पे विश्वास रखने की जरुरत है, बाबा जी हमारी हर वक़्त संभाल करते हैं।
॥ राधा स्वामी जी ॥