Baba Ji se Mulaqat – Sangat ki Email

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आज सिमरन पर बेठे बेठे अचानक ख़याल आया कि जैसे मुझे बाबा जी के साथ सीधी मुलाक़ात का मौका मिला है, ख्यालों में ही मुलाक़ात की तारीख और समय दे दिया गया, दिन बीते और वो दिन आ गया जिस दिन मेरी सतगुरु से मुलाक़ात थी, मैं बहुत ख़ुश था कि अपने सतगुरु के साथ पहली बार बात करने का मौका मिला है ख़ूब बात करूँगा अपना सारा हाल सुनाऊँगा |

बाबा जी ने अपने ऑफ़िस में बुलाया था . मैं उनके कैबिन में बैठा और फिर बाबा जी आए पर उनके हाथ में बहुत सारी फ़ाइल्ज़ थी जो उन्होंने आते ही टेबल पर रखी, उनका नूरानी स्वरूप देखकर मैं खो गया – सफ़ेद लिबास, सफ़ेद दाड़ी, एक अलग ही नूरानी चमक और ठहराव … मैं सच में बहुत ख़ुश था…
बाबा जी ने राधा स्वामी बुलाया और उन फ़ाइल्ज़ पर काम करने लगे ओर मैं इंतज़ार करने लगा कि जब बाबा जी फ़्री होंगे हम बात करेंगे पर बाबा जी तो एक के बाद एक बाद फ़ाइल्ज़ उठाते रहे ओर मुझसे कोई बात नहीं की और न ही मेरे मिलने की वजह पूछी

मैं अब थोड़ा परेशान होने लगा की मिलने का टाइम ख़त्म होने को था ओर बाबा जी से मेरी बात ही नहीं हुई थी…

बाबा जी ने मेरी परेशानी को पढ़ लिया और बोले क्यों परेशान हो बेटा जी … इस बात से ना की टाइम ख़त्म हो रहा है और हमारी बात नहीं हुई है …

मैं बाबा जी की आवाज़ सुन कर मंत्र मुघ्ध हो गया और कुछ बोल ही नहीं पाया, बस हाँ में गर्दन हिला दी

उसके बाद जो बाबा जी ने कहा उसने मुझे झकझोर के रख दिया

बाबा जी बोले – बेटा जी तुम भी तो मेरे साथ रोज़ यही करते हो …

मैं हैरान हो गया की मैंने ऐसे कब किया तो बाबा जी मेरे इस सवाल का जवाब दे दिया कि बेटा जी मैं रोज़ तुम्हारे साथ खड़ा रहता हूँ कि मेरा बेटा मुझे याद करेगा या मुझसे कोई बात करेगा पर तुम हर टाइम अपने काम में बिज़ी रहते हो मैं घंटों तक तुम्हारा इंतज़ार करता हूँ जब तुम थोड़ा फ़्री होते हो तो लगता है अब तुम मुझसे बात करोगे पर तब तुम अपना मोबाइल पर फ़ेसबुक, व्हाटसऐप, ट्विटर, गेम्स पर टाइम बिताना शुरू कर देते हो मैं इंतज़ार करता ही रहता हूँ बस … पर तुम मुझसे कभी बात ही नहीं करते ….

फिर बाबा जी बोले, मुझे लगा कि शायद तुम तभी समझ पाओगे जब तुम आओगे और इंतज़ार करते रहोगे, और मैं तुमसे बात नहीं करूँगा, बस अपने ही काम में बिजी रहूँगा |

मेरे पास इसका कोई उत्तर नहीं था, बस आँखों में आंसू थे और मुझे ख़ुद पर शर्म आने लगी थी, मैंने बाबा जी से माफ़ी मांगी और उनसे वायदा किया कि अब से ऐसा नहीं होगा |

देखा तो मेरा ख्याल टूट चुका था, बाबा जी तो नहीं थे परन्तु मेरी आँखों में आंसू अभी भी थे |

दिल किया आपसे शेयर करने का सो कर रहा हूँ, मुझे लगा कि शायद संगत में मेरे जैसे बहुत से लोग होंगे , जिन्हे सोचना चाहिए |

अगर आपके पास भी ऐसा कुछ शेयर करने के लिए है तो कृपया हमें ईमेल करें, हमारी ईमेल आई डी है – beassay@gmail.com, आपकी ईमेल का इंतज़ार रहेगा

दिल्ली से – संतोष सिंह !!

राधा स्वामी जी

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