For Part 1 Click here
Ques 8: (एक लड़का रोते हुए ) बाबा जी – तुहाडा बहोत बहोत शुक्रिया कि तुसीं मैनू ऐ मौका दित्ता है जी, बाबा जी तुहाडा एक बच्चा पहलां ब्यास आंदा सी, हुन ओ गुरूद्वारे जान लग गया , उसने अमृत वी छक लया
बाबाजी : बेटा आपां नु एहना गल्लां वल नहीं देखना चाहिदा कि कौन किथे जाँदा है, उस दा मकसद देखो, आपां जिस नाल मर्ज़ी जुड़ जाइये, अपना सब दा मालिक, ओ इक है , बेशक आपां चाहे हिन्दू, मुसलमान या सिख होइए ते चाहे मंदिर या गुरूद्वारे जाइये
Ques 9: बाबा जी तुसी नामघर दे पीछे गरुद्वारा बनवाया है, उसदा की मकसद है
बाबा जी : बेटा आपां एहना चार दिवारी दी इमारतां विच न फसे रह जाइये, आपना मकसद है उस इक अकाल पुरख वाहेगुरु दी वड्याई करना , एह धार्मिक जगह, मंदिर मस्जिद गुरूद्वारे ऐसलई बनवाए गए सी ताकि संत महात्मा ओथे बैठ के वेद शास्त्र लिख सकन पढ़ सकन, लोग ओथे जाके रब नु याद कर सकन, ऐस वास्ते नहीं कि आपां एहना दे नाम ते लड़ाई करनी शुरु कर दइए
Ques 10: बाबा जी मेरे ब्रदर ने सिरसा तों नामदान लित्ता होया है ते असीं ब्यास आंदे हाँ, ते असीं सेवा वी करदे हाँ ते सत्संग वी सुनदे हाँ, सानु सारे कहंदे है कि तुसी नामदान किथों लया है ते जांदे किथे हो
बाबा जी : बेटा एदां दी कोई गल नहीं, आपां नू पूर्ण संत सतगुरु दी पहचान होनी चाहीदी है, मकसद सबदा इक ही है, बेशक ओहना दा समझान दा तरीका अलग है पर भग्ति उस इक दी ही करनी है, आपां जेह्डी मर्ज़ी संस्था नाल जुड़ जाइये, अपना मकसद वी इक ते मालिक वी इक ही होना चाहिदा है
Ques 11: बाबाजी, जिवें असीं सारे तुहानु सवाल पुछदे हाँ, जेकर तुसी साढ़ी जगह होंदे, तां तुसी अपने गुरु नु कुछ पुछदे
बाबा जी: नहीं, कदे वी नहीं, बेटा पूछिए तां जे कोई शंका होए, जे आपां गुरु नु धार ही ल्या, फेर कोई सवाल ही नहीं रहन्दा
Ques 12: बाबाजी, मैं इक बेनती करनी सी, तुसी ब्यास डेरे विच कैंसर ते किडनी ट्रांसप्लांट लई इक हॉस्पिटल बनवा दो
बाबा जी: बेटा जी, एहना दो बीमारियां लई ही क्यों, जरुरत तां सब बीमारियां लई है, कोई गल नहीं बेटा, कोशिश करांगे
Ques 13 बाबा जी जैसे , सरदार भगत सिंह ने देश के लिए क़ुरबानी दी, हमें आज़ादी दिलवाई, क्या उनको मुक्ति मिल गई होगी
बाबा जी: बेटा कर्मों का चक्कर तो हर किसी को भोगना पड़ता है, बेशक चाहे वो देवी देवता ही क्यों न हों, बेटा, आपां कह तां देने हाँ कि ओहना ने आज़ादी दिलवाई, कि आपां सही मायने विच आज़ाद होए, 24 घंटे काम करदे हाँ, बच्चेयां वास्ते, मां बाप वास्ते, फ्यूचर वास्ते, कदे मालिक वास्ते कुछ किता, असली आज़ादी तां 84 दे जेलखाने विचों मुक्ति हासिल करना है
Ques 14: बाबाजी जैसे हर बार लड़कियां ब्याह कर अपने ससुराल जाती हैं, जो बेटियां अपने मां बाप के कितने करीब होती हों उनको भी जाना पड़ता है, क्या ऐसा नहीं हो सकता की लड़के ससुराल जाएँ (बाबा जी और संगत जोर जोर से हंसे )
बाबा जी: बेटा अगर आप कहते हो तो एक नयी रीत चला देते हैं कि जैसे लड़की विदा होती है वैसे ही अब से लड़के विदा हुआ करेंगे, बेटे मालिक ने जो कुछ बनाया है बड़ा ही सोच समझ के ते बड़ा ही अच्छा बनाया है , अगर हम मालिक की नज़र से देखे तो हमें भी सब अच्छा लगने लगेगा
For Part 1 Click here
Radha soami ji.