Baba Ji aur Mochi – Sakhi

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एक बार बाबाजी कही पर विज़िट करने गए थे, और वापिस डेरे जा रहे थे कि रास्ते मे बाबाजी की गाड़ी के आगे एक छोटा सा कुत्ता (डॉग) आ गया,
ड्राइवर ने गाड़ी रोक ली, बाबाजी ने कहा इस डॉग को गाड़ी मे बिठा लो,
ड्राइवर ने पूछा बाबाजी इसका क्या करना है, बाबाजी ने कहा थोड़ी देर में पता चल जाएगा,
रास्ते मे एक आदमी सड़क के किनारे अपनी मोची की दुकान लगाए बैठा था
बाबाजी कार से उतरे और उस बुज़ुर्ग आदमी को कहा कि इस कुत्ते के पट्टे (चैन) को एक स्टिच लगा दो,
उस आदमी ने बाबाजी को नही देखा और स्टिच ल्गा दिया ,
बाबा जी ने पूछा कितने पैसे हुए, तो बिना देखे ही कहने लगा ,
बाउ जी, इस के क्या पैसे लू आपसे, फिर बाबा जी ने कहा कि खुद ही तो कहते हो कोई आता नही
और जब कोई ग्राहक आया है तो पैसे क्यू नही लेते हो,
जैसे ही उस आदमी ने उपर देखा तो बाबाजी को देखकर उनके चरणों मे गिर पड़ा और ज़ोर ज़ोर से रोने लगा.
दिल मे अगर साची तड़प हो तो बाबाजी हमेशा उनका ख़याल रखते है, हम फिर भी नही समझते

बाबाजी अंतर्यामी है, उनसे कुछ नही छुपा है.
वो सब कुछ देख रहे है, इसलिए दोस्तो सिर्फ़ भरोसा रखो बाबाजी पर बाकी वो सब कुछ ठीक कर देते है.

।। राधा स्वामी जी ।।

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