बेनती —
सच्चे दिल से निकली पुकार सतगुरु तक पहुंचती है पर बेनती सदा ऊंची सच्ची दात के लिए करनी चाहिए ,सच्चा प्रेमी कभी भी नाशवान चीजों के लिए बेनती नहीं करता,वह अपने सतगुरु से सतगुरु को ही मांगता है ,हे मालिक, मैं अपराधी हूँ ,पापी हुं मेरे अवगुणों और गुनाहों का हिसाब किया जाए तो मैं कभी भी बख्शिश की हकदार नहीं हो सकता , मैं गुनहगार हुँ आप बख्शनहार हो, मैं भजन सुमिरन नहीं करता, सदा विषयों विकार मे रहता हूँ मुझ पर कृपा करो, सीधे रास्ते पर डालो, दया करो मेरे सतगुरु मुझ बिछड़े हूई को अपने साथ मिला लो ….
।। राधा स्वामी जी ।।