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सत्संग खत्म होने के बाद बाबा जी स्टेज के पीछे सीढियों से नीचे जा रहे थे, साथ में पाठी बीबी भी थे, पाठी बीबी बाबा जी से कहती हैं “बाबा जी आज तो काफी संगत आई है भंडारे पे, जरा अंदाज़े से बताइए की आज का सत्संग सुनने के लिए कितनी संगत आई थी ।
बाबा जी ने जवाब दिया, संगत पूछते हो तो 8 लाख के आस पास है और सत्संग सुनने वाले पूछते हो तो सिर्फ 13 सत्संगी आये थे, बीबी अचरज और हैरानी से बाबा जी को देखती हैं, बाबा जी फिर बोलते हैं की कोई छुट्टियाँ मनाने आया है तो कोई घूमने, कोई सस्ता सामान खरीदने आया है तो कोई अपनी इच्छाएं पूरी करवाने, किसी की कोई वजह है तो किसी की कोई दूसरी वजह ।
बीबी ने फिर पूछा की उन 13 लोगों में मैं शामिल हूँ या नहीं, बाबा जी ने जवाब दिया, “आज भजन करने के लिए बैठना, आपको जवाब मिल जायेगा”
शिक्षा: हमें भी चाहिए की जब हम सत्संग जाएँ तो सिर्फ सत्संग सुनने के लिए और बाबा जी से मिलने और दर्शनों की इच्छा लेकर, ना कि किसी और वजह से, सोचो बाबा जी को कितनी तकलीफ़ होती होगी जब वो देखते होंगे कि केवल कुछ लोग ही सत्संग सुनने आते हैं ।
जरा सोचिये !!
राधा स्वामी जी
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