Ques 1 बाबा जी मेरी मम्मी की डेथ हो गई और पापा ड्रग्स लेते है.. [रोते हुए ] मामा जी और मामी जी मुझे पढ़ाई करवा रहे है…
Ans: बाबा जी … बेटा ज़िंदगी है उतार चढाव आंदे हुन्दे है.. सानू हिम्मत नही हारनी चाहीदी… ते तुसीं ओहना दी सेवा करो, ओ तुहाडे लई किना कुछ कर रहे है…(हिन्दी – बेटा ज़िंदगी है तो उतार चढाव आते रहेंगे, हमें हिम्मत नही हारनी चाहिए, और आप अपने मामा / मामी की सेवा करो, वो आपके लिए कितना कुछ कर रहे हैं
Ques 2 बाबा जी मेरी ना बाल पाठी की सेवा होती है सेंटर में तो मेरा फ्रेंड बोलता है की तेरी आवाज़ अच्छी नही है, तू बहुत बुरा गाता है..
Ans: बाबा जी – काहदी सेवा बेटा (किसकी सेवा बेटा)
लड़का – बाबा जी शबद गाने की
बाबा जी [ स्माइल करते हुए ] – बेटा अगर कोई कुछ कहता है हमें उसको नही सोचना,लोग तो बहुत कुछ कहते है, आप अपनी सेवा को ध्यान मे रखो
लड़का – बाबा जी पहले ना मैं, डेरा ब्यास साल में, एक बार आता था, अब 6 महीने में 7-8 बार आ जाता हूँ
बाबा जी [ स्माइल ] – अच्छा ,अकेले ही आते हो या पेरेंट्स के साथ
लड़का – कभी कभी अकेला, कभी कभी दोस्तों क साथ
बाबा जी ने स्माइल दी और सिर्र हिला दिया..
Ques 3… बाबा जी जब हम सुख में होते है, हम खुशी मे कहते है की शूकर है बाबा जी अपने यह किया.. जब दुख होता है तो हम कहते है क बाबा जी आप ने यह क्या कर दिया, ऐसा क्यूँ होता है?
Ans: बाबा जी … स्माइल करते हुए … बेटा जब दुख में होते हो तो उस टाइम तो हमें और बे खुश होना चाहिए..क्यूकी दुख मे तो हमारे कर्मों का भुगतान हो रहा है ना बेटा
Ques 4 लड़की – बाबा जी मैं बहुत पढ़ाई करती हूँ पर मेरे नंबर नहीं आते .. मैं क्या करूँ?
Ans: बाबा जी स्माइल करते हुए … अच्छा, मैं तो पढ़ाई करता ही नहीं था… मेरे तो फिर भी आ जाते थे, स्ंगत में हँसी..बेटा पढ़ाई तो हमें करनी ही पड़ेगी.. अगर मेहनत करोगे तो परमात्मा ज़रूर बक्षिश करेगा
Ques 5…लड़का – बाबा जी मैं आपको बहुत प्यार करता हूँ, मैं आपके साथ ही रहना चाहता हूँ,बस सारी उमर मुझे अपने पास रख लो..
Ans: बाबा जी.. बेटा जब हम उस एक की तरफ झुक जाते हैं ना तो हमारा मन भी उसी में लगता है. ये रूहाणियत है, आपको सारा कुछ मिलेगा पर अगर हम ज़िम्मेवारिओं में रहते हुए भजन सिमरन करेंगे ..
लड़का … बाबा जी जब मैं पहले भजन सिमरन करता था तो ध्यान लग जाता था, लेकिन अब पता नहीं, मुझे डर लगने लगा है . ऐसा क्यूँ
बाबा जी.. बेटा यही तो मन का खेल है, वो हमें डरता है, नामदान के टाइम यही तो समझाया जाता है. आप डरो नहीं..मन कुछ नहीं कर सकता… ये बस डरा सकता है.