आप सब जानते हैं कि हमारे बाबा जी सभी पर दया महर करते है और बच्चो से तो उनका खास लगाव है यह बात जो आप पढने वाले है वो मार्च के महीने की बात है जब सब बच्चों की परीक्षा खत्म हो गई, बाबाजी के हुकम अनुसार क्लास 3 से 8 के बच्चों को सेवा दी गई कि बच्चे सडक पर खडे होकर संगत को रास्ता बताएंगे |बच्चों को कहना था “राधा स्वामी जी, संगत बाए हाथ चलो जी चलो जी चलो जी” और हाथों से इशारे करने थे जैसे ट्रैफिक पुलिस रोड पर करती हैं सभी बच्चे सेवा कर रहे थे एक छोटा बच्चा बड़ी खुशी से सेवा कर रहा था |उसे सेवा करने में इतना मजा आया कि ड्युटी खत्म होने के बाद भी वह बाए हाथ से बाई तरफ इशारा कर रहा था और दायां हाथ हिला रहा था और प्यारी सी तोतली भाषा में कह रहा था “तलो जी ,तलो जी मतलब चलो जी चलो जी अब वह थक गया तो उसने हाथों का इशारा बदल दिया यानी के अब उसका दाएँ हाथ से दाई ओर इशारा करने लगा और बायां हाथ हिलाने लगा और तभी बाबा जी की कार वहां से गुजरी और ड्राइवर बच्चे के इशारे को नजरअंदाज करके दाईं ओर न जाकर बाई ओर जाने लगा क्योंकि जहाँ बाबा जी को पहुँचना था वह रास्ता बाई ओर से था पर हमारे प्यारे बाबाजी ने ड्राइवर से फरमाया”सेवादार जिस ओर इशारा कर रहा है उस ओर चलो “इस पर ड्राइवर ने पूछा पर हमे तो बाई ओर जाना है जी हमारे बाबा जी ने फरमाया “नहीं हमे सेवादार की बात हमेशा सुननी चाहिए “तो ड्राइवर ने कार दाई ओर से ले ली तभी जथेदार दौडता हुआ उस बच्चे के पास आकर पुछने लगा “तुम ने हाथ का इशारा क्यों बदला, तुम ने देखा नही कि वो बाबा जी की कार थी उस बच्चे ने मासुमियत से जवाब दिया “नहीं मैने तो नहीं देखा! मैं तो तलो जी तलो जी कह ला था औल मेला ये वाला हाथ थक गया था इशलिए थोली देल के लिए हाथ बदली कल लिया सोली जी तभी पता है क्या हुआ बाबा जी की कार ने u turn लिया और उस बच्चे के पास कार आई, कार का शीशा उतरा और बाबा जी ने फरमाया”शाबाश बेटा, अब तला जाउ मैं इधर! बच्चा मुस्कराया.असल में बाबा जी हम सभी को ये समझना चाहते हैं कि हमें सेवादार की बात हमेशा सुननी चाहिए सेवादार का कहना मानना मतलब बाबा जी के हुकम में रहना.