बाल सत्संग – लालच का फल
एक घर में एक पालतू तोता था, घर के सभी सदस्य उसे कुछ न कुछ खाने को देते रहते थे, उसकी ज़िन्दगी बड़े मज़े के कट रही थी क्यूंकि उसको रोज़ नई नई चीजें खाने को मिलती थी, उस घर में कहीं से एक चूहा भी आ गया, उसने ध्यान दिया की तोते को उस घर के सदस्य बहुत प्यार से रखते थे और बहुत बार तो ऐसा होता था कि तोते को जो कुछ खाने को दिया जाता, वो पूरा खा नहीं पाता था, बचा हुआ खाना या तो सूख जाता था या फेंक दिया जाता था, उस चूहे ने तोते से दोस्ती कर ली, तोता बचा हुआ खाना नीचे गिराने लगा जिसे चूहा बड़े आराम से खा लेता |
अब एक बार उस घर के लोग किसी काम से शहर से बाहर जा रहे थे तो उन्होंने तोते के लिए चूरी बना के रख दी ताकि उनके बिना तोता आराम से खा सके, घर वालों के चले जाने के बाद, चूहे ने तोते से चूरी मांगी तो तोते ने साफ़ मना कर दिया और बोला कि अब मुझे खाने के लिए बार बार नहीं मिलेगा, तुम अपना इंतज़ाम खुद से कर लो |
अब क्यूंकि चूहे को भी बिना मेहनत खाना खाने की आदत लग चुकी थी, चूहा आलसी हो चुका था और लालची तो वो पहले से ही था, एक दो दिन तो चूहा भूखा ही रहा फिर जब भूख बर्दाश्त नहीं हुई तो चूहे ने ढूँढना शुरू किया, फिर चूहे को उस घर में अनाज की बहुत ही बड़ी टोकरी दिखी, जिसमे काफी सारा अनाज भरा हुआ था, उसने सोचा की इस टोकरी में अगर घुसने का रास्ता मिल जाए तो मज़ा आ जाए, चूहे ने उस टोकरी में छेद करना शुरू कर दिया, चूँकि टोकरी काफी मज़बूत थी तो चूहे को उसमे छोटा सा छेद करने में काफी वक़्त (तक़रीबन 1 दिन) लगा, क्यूंकि चूहे ने 2 – 3 दिन से कुछ खाया नहीं था तो चूहा काफी पतला हो गया था और उस छोटे से छेद में से टोकरी के अंदर घुस गया | उसने खूब जी भर के अनाज खाया और टोकरी के अंदर ही सो गया, ऐसा 2 – 3 दिन तक चला, चूहा खूब खुश था, वो जब चाहे, जितना चाहे खाता था और फिर सो जाता था |
एक दिन उसने सोचा की तोते से मिल के आया जाए, तो उसने उस छोटे से छेद से निकलने की कोशिश की, लेकिन वो काफी मोटा हो चूका था और उस छोटे छेद से बाहर नहींआ पा रहा था, थक कर चूहा ज़ोर ज़ोर से रोने लगा | चूहे के रोने की आवाज़ से तोते ने पूछा की क्या हुआ तो चूहे ने सारी बात तोते को बताई, तोते ने कहा कि तुम मोटे हो गए हो, या तो छेद बड़ा करो और या थोड़े से पतले हो जाओ, क्यूंकि चूहा आलसी था तो उसने छेद बड़ा करने के बजाय, पेट कम करना आसान समझा और सो गया लेकिन जब उठा तो भूल गया की बाहर निकलना था, उसे भूख लगी और वो फिर अनाज खाने लगा, उसने खूब अनाज खाया और उस दिन घर में बिल्ली घुस आयी और चूहे को सूंघते हुए टोकरी के पास आई, उसने टोकरी का ढक्कन उठाया, चूहा इतना मोटा हो चुका था की वो भाग नहीं पाया और इतना मोटा चूहा देख के बिल्ली ने उसे दबोच लिया और खा गयी |
सार – हमें लालच नहीं करना चाहिए और मेहनत से दिल नहीं चुराना चाहिए