सत्तगुरू का सिमरन क्या कर सकता है?
जैसे आॅपरेशन से पहले डाॅक्टर मरीज को बेहोश करने के लिए उसकी रीढ़ की हड्डी में ऐनसथेसिया देता हैऔर बाद मे उसके शरीर मे चीर फाड़ करता है उस अवस्था मे मरीज को कुछ पता नही चलता के चाकू उसके पेट पर चल रहा है यां छाती पर, बिल्कुल इसी तरह हमारे सत्तगुरू का दिया हुआ सिमरन भी ऐसे
ही काम करता है, उस सिमरन के अभ्यास से हमारा अंतर मन् बेहोश हो जाता है और सुरत सचखण्ड मे चली जाती है और सुख दु:ख, मोह, काम, क्रोध जैसे चाकू हमारे मन् पर और हमारे शरीर पर तो चलते है मगर सत्तगुरू के सिमरन के एनसथेसिया से हमारी आत्मा पर इसका कोई असर नही होता
हमारीआत्मा अंतर मे सत्तगुरू की गोद मे बैठी होती है और आत्मा अंतर मे अमृत का आन्नद लेती है मगर ऐसी अवस्था बड़े प्रुषार्थ और सत्तगुरू की दया मेहर से ही मिलती है |
राधा स्वामी जी